UP का राजू पाल हत्याकांड… मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके गनर की गोली मारकर हत्या, पूर्व सांसद अतीक अहमद के दामन पर छींटे

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  • 17 वर्ष पुरानी दुश्मनी

यूपी में बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस में एक नया मोड़ आया है। इस केस के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके गनर संदीप मिश्रा की शुक्रवार को गोली मार कर हत्या कर दी गई। वहीँ गनर राघवेन्द्र सिंह भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। जिनका अस्पताल में ईलाज चल रहा है।

जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज में हमलावरों ने घर में घुसकर हमला किया। फ़िलहाल हमलावरों के बारे में पता नहीं लग पाया है। जिस वक़्त उमेश पाल कोर्ट से गवाही देकर घर वापस लौट रहे थे, उसी समय कार में आए 4-5 हमलावरों ने उनपर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। इसके बाद वे जब घर के अंदर भागे, तो बम से हमला कर दिया। यह घटना सीसीटीवी फूटेज में रिकॉर्ड हुई है। जिसके आधार पर पुलिस छानबीन कर रही है।

घटना के बाद अधिवक्ता विक्रम सिन्हा ने कहा, “केस में फाइनल बहस चल रही थी। हमलोगों के ओर से बहस समाप्त हो चुकी थी। डिफेंस के वकील ने आज बहस की। ढाई बजे से शुरू करके उन्होंने सवा चार-साढ़े चार बजे तक बहस किया। उसके बाद उन्होंने कोर्ट से बहस खत्म करने के लिए सोमवार तक का समय मांगा। जबकि इस केस में कोर्ट आज बहस खत्म करना चाहती थी। जिसके बाद किसी को समय नहीं दिया जाता।” उमेश पाल के अपहरण मामले में विक्रम सिन्हा उमेश पक्ष के वकील हैं।

मृतक उमेश पाल, फाइल फोटो

2005 में हुई थी राजू पाल की हत्या

इलाहाबाद पश्चिमी के बसपा विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को सुलेमसराय में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी पूजा पाल कौशाम्बी की चायल सीट से सपा की विधायक हैं। राजू पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद व उनके छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। उमेश पाल घटना का मुख्य गवाह था। वह राजू पाल की पत्नी पूजा पाल की सगी बुआ का लड़का था।

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पहले से ही था जान का खतरा

राजू पाल हत्याकांड की जांच CBI ने की थी, जिसमें उमेश पाल मुख्य गवाह थे। यही कारण है कि उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी मिली थी। राजू पाल की पत्नी विधायक पूजा पाल ने भी कई बार आशंका जताई थी कि गवाही को प्रभावित करने के लिए उमेश पाल की हत्या हो सकती है। उमेश पाल ने भी अपनी जान को खतरा बताया था।

अतीक से 17 साल पुरानी है दुश्मनी

बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद के बीच दुश्मनी करीब 17 साल पुरानी है। राजू पाल हत्याकांड में जब उमेश गवाह बने तो उनका अपहरण हो गया था। जिसका आरोप अतीक पर लगा।

उमेश अतीक गिरोह के खिलाफ अब तक पांच FIR करा चुके थे। 25 जनवरी 2005 को शहर पश्चिम के विधायक राजू पाल को सुलेम सराय इलाके में गोलियों से भून दिया गया था। उस समय राजू पाल के दोस्त और रिश्तेदार उमेश पाल पूरे मामले के गवाह बन गए थे।

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पहले भी कई बार हो चुके हैं जानलेवा हमले

राजू पाल हत्याकांड में गवाह बनते ही अतीक गिरोह उमेश पाल को दुश्मन की नजर से देखने लगा। उन पर कई बार हमले की कोशिश हुई, लेकिन वे बच निकले थे। 28 फरवरी 2008 को उमेश का अपहरण कर लिया गया था। उनके साथ मारपीट की गई। धमकी दी गई, गवाही दी तो मार दिया जाएगा। बाद में उन्हें छोड़ा गया तो उन्होंने अतीक, अशरफ समेत गिरोह के कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

इसके बाद भी अतीक के गुर्गे उमेश के पीछे पड़े रहे। 11 जुलाई 2016 को उमेश गवाही देने कचहरी गए थे। उन पर कचहरी परिसर में ही जानलेवा हमला किया गया। उमेश ने अतीक, अशरफ समेत गिरोह के तमाम लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

दोनों मामले कोर्ट में चल रहे थे। इस बीच, उमेश ने अतीक गिरोह के खिलाफ तीसरी एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके अलावा 2022 में जान से मारने की धमकी और एक अन्य मामले में एफआईआर लिखाई गई थी।

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