UP Election 2022: आप (AAP) के प्रत्याशी ‘अजीत सिंह का विवादों से पुराना नाता, पढ़िए, कभी सदन में किया तोड़फोड़, कभी मर्डर केस में जा चुके हैं जेल

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा चुनाव में वाराणसी के शहर दक्षिणी से आम आदमी पार्टी ने राजमंदिर वार्ड के पार्षद अजीत सिंह को अपना प्रत्याशी चुना है. अजीत सिंह अपने क्षेत्र में किए गए विकास के लिए जाने जाते हैं. वे लगातार 2 बार से पार्षद रहे हैं. 2017 के नगर निगम चुनावों में उन्होंने बसपा से जुड़े होने पर बसपा से टिकट की मांग की थी. लेकिन पार्टी से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने निर्दल चुनाव लड़कर जीत हासिल किया. इसके अलावा अजीत सिंह से स्वर्णकारों को काफी लगाव है. यह बात अलग है कि सक्रिय राजनीति में रहते हुए उन्होंने अपने बिरादरी सुनारों के लिए सरकार से कभी कोई आवाज़ नहीं उठाई. जबकि सुनारों के साथ आए दिन लूट-पाट, छिनैती जैसी घटनाएं होती रहती हैं.
जेलर हत्याकांड के पांच आरोपितों में से एक
वैसे तो अजीत सिंह ने बतौर पार्षद अपने क्षेत्र में अच्छा काम किया है. लेकिन इनका विवादों से भी काफी गहरा नाता है. वर्ष 2013 में बनारस के जिला जेल के डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की हत्या में अजीत को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. तत्कालीन एसएसपी वाराणसी जोगेंद्र कुमार के अनुसार, गिरफ्तार पांच आरोपितों में सोनू सेठ, आनंद सिंह, विनय कुमार सिंह, सतीश गुप्ता और अजीत सिंह शामिल थे. गिरफ्तार पांचों आरोपितों ने कबूला था कि अनिल त्यागी की हत्या में रमेश उर्फ काका के साथ वे शामिल थे. अजीत व सतीश ने वारदात के पहले काका समेत सभी बदमाशों को अपने यहां शरण दी थी. वारदात से पहले कई दिनों तक जेलर की रेकी की गई थी. वारदात के समय तीन बाइक पर छह शूटर थे. 23 नवम्बर 2013 की सुबह अनिल त्यागी को उस समय गोलियों से भून दिया गया था जब वह जिम में जा रहे थे. जेलर हत्याकांड में गिरफ्तार काका के गुर्गो में शामिल बनारस के रहने वाला अजीत सिंह वर्तमान में पार्षद है. जो कि आम आदमी पार्टी से टिकट पाकर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. इसके अलावा अजीत सिंह और विपक्षी दल के कई पार्षदों पर 2017 में सांस्कृतिक शंकुल में तोड़-फोड़ और हंगामा करने पर भाजपा पार्षद द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया था.