एक पुरस्कार “श्रेय लेने में माहीर” का सम्मान अखिलेश यादव को जाना चाहिए
जिस तरह से कुछ दिनों से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता नेतागण हर चीज़ में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को श्रेय देते हुए दिख रहे हैं,कही एक दिन ऐसा ना आ जाए की समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक ताज महल बनाने का भी श्रेय अखिलेश यादव को ना दे दे.
ऐसा इसलिए हैं क्योंकि जिस तरह से बात-बात पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा के समर्थक किसी भी चीज का श्रेय सीधा अखिलेश यादव या सपा सरकार को दे देती हैं. उससे ये साबित हो जाता हैं की विकास तो किया नही सिर्फ और सिर्फ श्रेय लेना चाहते हैं, अखिलेश यादव ने अपने सरकार ( 2012-2017) में सिर्फ गुंडाराज चला और सुशासन चला, अखिलेश यादव और सपा को अगर श्रेय लेना हैं तो,सबसे भ्रष्ट और सुशान वाली सरकार का लेना हो तो ले सकती हैं श्रेय.
जिस तरह से उनके सरकार मैं मौजूदा मंत्री द्वारा गलत हरकत में लिप्त होने की खबर आई तो उस सरकार से और उससरकार के मुखिया से जनता क्या ही आस लगाए, जिसने सिर्फ और सिर्फ धर्मवाद और जातिवाद किया हो तो वो विकास की बात ना ही करे तो अच्छा हैं.
जहा मुख्यमंत्री की तारीफ करने में प्रदेश की जनता थकती नही हैं, तो वही अखिलेश सरकार की गलती गिनाने मैं यूपी की जनता थकती नजर नहीं आती हैं. प्रदेश की जनता का कहना हैं की कभी किसी एक जाति तो कभी किसी एक धर्म की के लिए समर्पित कार्य करते हुए नजर आते थे अखिलेश यादव. वही देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश मुख्यमंत्री योगी की तारीफ करते हुए रुकती नहीं हैं.
वही सोमवार को प्रधानमंत्री ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया.
वही दूसरी ओर वाराणसी में ही समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण हो रहा है उसकी नीव सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रखा था और आज उन्हीं के कार्य को भाजपा सरकार ने पूरा कराने में 5 साल बिता दिए उन्होंने कहा कि मैं धन्यवाद देता हूं अखिलेश यादव का कि उन्होंने विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण की शुरुआत की थी जिसका लोकार्पण आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं.
इससे ये साफ हो जाता हैं की समाजवादी पार्टी जनता को गुमराह करना चाहतीं है और राजनीति करने के लिए किसी भी हद्द तक जा सकतीं हैं.