बांटना जिनकी प्रवृत्ति रही है, देश का खून चूसकर जिन्होंने वर्षों तक राज किया हो, वे आज देश को बांटने से बचाने के लिए आवाज़ उठा रहे हैं। अंग्रेजों की नीति ‘बांटो और राज्य करो’ पर चलने वाले आज देश प्रेमी बने हुए हैं। विदेशों में जाकर ये भारत विरोधी बातें करते हैं। जिनके खून में ही विदेशी ज़हर भरा हुआ हो, वे भला राष्ट्रवादी कैसे हो सकते हैं ! लोकतंत्र में जनता की याददाश्त कमजोर होती है, इसलिए ये लोग आसानी से बरगला जाते हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अपनी भारत जोड़ो यात्रा समाप्त होने के बाद आजकल विदेशों की यात्रा पर निकले हुए हैं। पिछले दिनों उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में जबरदस्त भाषण दिया। राहुल के भाषण में देश की तारीफें कम, और देश विरोधी भावना ज्यादा थी। अपने देश को नीचा दिखाने की कला कोई राहुल गांधी से सीखे।
हाल ही में राहुल गांधी का एक विडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने एक पाकिस्तानी प्रोफेसर के साथ मंच शेयर करते हुए भारत विरोधी बयान दिया। इस घटना की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। एक तस्वीर में पाकिस्तान में जन्मा कमाल मुनीर मंच पर साफ़ खड़ा दिख रहा है। राहुल की इस हरकत पर एक ओर जहां उन्हें लताड़ लग रही है, वहीँ लंदन के दौरे पर उनका एक विवादित बयान सामने आ गया है। कांग्रेस नेता ने लंदन में बैठ ये झूठ फैलाया है कि आरएसएएस (RSS ) भारत के ज्यादातर संस्थानों पर कब्जा कर चुकी है।
Rahul Gandhi was introduced to the MBA audience by Pakistan born, Kamal Munir, Pro-Vice-Chancellor at the University of Cambridge. Kamal Munir was awarded the Tamgha-e-Imtiaz, a state honour bestowed by the President of Pakistan pic.twitter.com/ou4EDaMhbq
— JIX5A (@JIX5A) March 5, 2023
पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ उगला जहर
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने केवल भारत विरोधी बातें ही नहीं की, बल्कि सोमवार (6 मार्च 2023) को लंदन के छ्तम हाउस में ज़हर भी उगला। उन्होंने लंदन में RSS की भी बुराई की। उन्होंने कहा कि RSS के चलते हिन्दू मुस्लिम भाईचारे के बीच दीवार खड़ी हो गई है। कांग्रेस नेता के अनुसार, भारत में जो लोकतांत्रिक माहौल था, वो सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस के वजह से ही बदला है।
उन्होंने RSS के बारे में आगे कहा, ‘ये एक कट्टरपंथी फासीवादी समूह है जिसने ज्यादातर भारतीय संस्थानों पर अपना कब्जा कर दिया है। मुझे हैरानी होती है कि इन लोगों ने कैसे विभिन्न संस्थानों पर कब्जा जमा लिया है। इस बात ने मुझे झकझोर दिया कि वे हमारे देश के विभिन्न संस्थानों पर कब्जा करने में कितने सफल रहे हैं। प्रेस, न्यायपालिका, संसद और चुनाव आयोग सभी खतरे में हैं और किसी न किसी तरह से उनसे नियंत्रित हैं।”
Not only was Rahul Gandhi demanding foreign intervention into India & attacking our sovereignty on foreign soil but look at this now! Apparently he was sharing stage with Kamal Munir a Pakistani while he was undermining India & Indian institutions
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) March 6, 2023
Shocking ! Congress must… https://t.co/1cB7E56Api pic.twitter.com/ZmHsOyuPAO
लंदन में राहुल गाँधी ने विदेशी हस्तक्षेप का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने बार-बार विदेशों से अपील किया कि वह भारत के मुद्दों में घुसें। इस बात को सुन भाजपा ने उन्हें फटकार लगाई। भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा- “अगर देश में कोई मुद्दे हैं तो हम उसे खुद सुलझा लेंगे…राहुल गाँधी विदेशियों को कैसे हमारे देश के मामलों में घुसने को कह सकते हैं। शहजाद पूनावाला पूछते हैं कि आखिर राहुल गाँधी कौन सा हस्तक्षेप चाहते हैं। क्या हम घर के मामले पड़ोसियों को बताते हैं।”


बांटना जिनकी प्रवृत्ति रही है, देश का खून चूसकर जिन्होंने वर्षों तक राज किया हो, वे आज देश को बांटने से बचाने के लिए आवाज़ उठा रहे हैं। अंग्रेजों की नीति ‘बांटो और राज्य करो’ पर चलने वाले आज देश प्रेमी बने हुए हैं। विदेशों में जाकर ये भारत विरोधी बातें करते हैं। भारत को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। जिनके खून में ही विदेशी ज़हर भरा हुआ हो, वे भला राष्ट्रवादी कैसे हो सकते हैं ! लोकतंत्र में जनता की याददाश्त कमजोर होती है, इसलिए ये लोग आसानी से बरगला जाते हैं।
बांटना कांग्रेस के खून में
इन्होने अंग्रेजों की पालिसी डिवाइड एंड रूल का भरपूर पालन किया। उन्हीं के नक़्शेकदम पर चलकर देश का बंटवारा किया और वर्षों तक राज किया। 1947 में पाकिस्तान का जन्म और हिन्दुओं का कत्लेआम इनके बांटने की अवधारणा को प्रस्तुत करता है। साथ ही इन्होने पहले धर्म को धर्म से और जाति को जाति में बांटकर राज किया। फिर भाषा को भाषा से। क्षेत्र को क्षेत्र से बांटकर राज किया। राज्य को राज्य से, नस्ल को नस्ल से बांटकर राज किया। हिंदू को मुस्लिम से, मुस्लिम को हिन्दू से, सिख को हिन्दू से, बौद्ध को हिन्दू से बांटकर राज किया। आज भी इनकी यह ‘बांटो और राज करो नीति’ जारी है।
हिंदी में एक कहावत है ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।’ जिसका अर्थ ‘खुद गलती करके दूसरों को डांटना’ होता है। यह कहावत चरितार्थ हो रहा है, कांग्रेस के कद्दावर नेता व सांसद राहुल गांधी पर। आज राहुल गांधी विदेशों में भारतीय लोकतंत्र की व्याख्या दे रहे हैं। जिन्होंने राष्ट्र और आजादी को अपनी धरोहर समझ रखा है, वे आज राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ा रहे हैं।
इन्हें शायद किसी ने बताया होगा या कहीं पढ़ा या सुना होगा कि इनके पूर्वजों ने अंग्रेजों से डटकर मुकाबला किया होगा। शायद इनके पूर्वज अंग्रेजों की गोलियां खाकर शहीद हुए होंगे तभी राहुल गांधी इतने बड़े देशभक्त बने। खैर, जो भी हो, कांग्रेसियों और वामपंथियों के अनुसार, राहुल गांधी एक समझदार नेता के रूप में उभर रहे हैं। 53 की उम्र में कोई भारतीय लोकतंत्र में उभरे, तो उस पार्टी के लिए इससे ज्यदा ख़ुशी की बात क्या हो सकती है।