Pulwama Attack 2019: अब तक नहीं लगी शहीद की मूर्ति, पुलवामा शहीद जवां की पत्नी ने दी भूख हड़ताल की चेतावनी

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पुलवामा हमले (Pulwama Attack 2019) के 4 वर्ष हो चुके हैं. जम्मू कश्मीर (Jammu & Kashmir) के पुलवामा में 2019 में हुए आतंकवादी हमले में 44 CRPF जवान शहीद हो गये थे. इसी हमले में राजस्थान (Rajsthan) के हाडौती जिले के जवान हेमराज मीणा (Martyr Hemraj Meena) शहीद हो गये थे. इसके बाद राजस्थान सरकार के तीन मंत्रियों ने उनके गांव पहुंचकर सांगोद के अदालत चौराहे पर शहीद की प्रतिमा लगाने की घोषणा की थी.

लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी नेताओं ने इसकी कोई कोई सुध नहीं ली, और न ही शहीद के परिवार का कोई हालचाल लेने आया. शहीद की पत्नी मधुबाला मीणा का कहना है कि मेरा घर उजड़ गया लेकिन उस बलिदानी वीर पर भी राजनीति की जा रही है. शीद हेमराज ने देश के लिए बलिदान दिया. लेकिन आज उस बलिदान की कद्र नेताओं को नहीं है. उस बलिदान का अपमान किया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि अदालत चौराहे पर मूर्ति नहीं लगती है, तो वे भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगी.

शहीद हेमराज मीणा सीआरपीएफ (CRPF) में जवान के रूप में तैनात थे. पुलवामा हमले में शहादत के बाद उनके पैतृक गांव विनोदकलां में श्रद्धांजली सभा आयोजित हुई थी. जिसमें राज्य सरकार की ओर से स्वायत्त शासन और नगरीय विकास विभाग मंत्री शांति कुमार धारीवाल और गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया और तत्कालीन मंत्री रमेश मीणा शामिल हुए थे. सभा में इन मंत्रियों ने सांगोद  में अदालत चौराहे के मध्य में सर्किल का निर्माण कर शहीद हेमराज मीणा की मूर्ति स्थापित करने की घोषणा की थी.

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इसके अनुसरण में जिला कलक्टर कोटा के आदेश पर 23.02.2019 की अनुपालना में नगर पालिका सांगोद द्वारा 13.51 लाख रुपए का तकमीना तैयार कर शहीद सर्किल का ले-आउट प्लान भी पास कर दिया गया.शहीद सर्किल के निर्माण के लिए नगर पालिका सांगोद ने ई-निविदा भी  31.07.2019 को जारी कर दी थी, लेकिन चार साल  गुजर जाने के बाद भी अदालत चौराहे के मध्य में सर्किल का निर्माण नहीं हुआ है.

जमीन पर गांव के दबंगों का कब्जा

मधुबाला ने कहा कि ग्राम सांगोद के प्रस्तावित सर्किल स्थल पर खसरा नं. 1153, 1274 की पीडब्ल्यूडी (PWD) सड़क पर गांव के कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने अतिक्रमण कर रखा है.इसकी वजह से शहीद सर्किल का निर्माण नहीं हो पा रहा है.इस संबंध में जिला कलक्टर के निर्देशानुसार तहसील कार्यालय सांगोद द्वारा मौके की पैमाईश भी नौ जुलाई 2020 को की गई थी. इसमें खसरा नं. 1153, 1274 की पीडब्ल्यूडी सड़क पर गांव के प्रभावशाली व्यक्तियों का अतिक्रमण प्रकट हुआ है.

मधुबाला ने कहा कि सरकार के सामने चंद भूमाफिया अधिक प्रभावशाली हो गए हैं. सैकड़ों बीघा भूमि मुक्त कराई गई है,लेकिन प्रस्तावित सर्किल पर कब्जा छुड़ाने की पहल सरकार ने नहीं की है. भूमाफिया शहीद का अपमान कर रहा है और सरकार चुपचाप देख रही है. उन्होंने कहा कि विधायक भरतसिंह हर मामले में पत्र लिखते रहते हैं, लेकिन अपने विधानसभा क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण और शहीद के अपमान पर चुप हैं.अधिकारियों से बात करते हैं तो कहते हैं कि हमारे हाथ बंधे हुए हैं.

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