राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupdi Murmu) ने सोमवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर गंगा आरती देखी. साथ ही श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार में शीश नवाया. गंगा आरती के दौरान महामहिम का दशाश्वमेध घाट पर रेड कार्पेट वेलकम हुआ. महामहिम ने 60 मिनट तक 9 अर्चक व 21 देव कन्याओं के साथ स्पेशल गंगा आरती की. इस दौरान डेढ़ मिनट लगातार शंख गूंजता रहा. उन्होंने देवाधिदेव महादेव का दूध, गंगाजल व घी से अभिषेक किया. इससे पूर्व राष्ट्रपति ने काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा कालभैरव दरबार में भी हाजिरी लगाई.
राष्ट्रपति ने कहा, “आज मैंने वाराणसी में काल भैरव और काशी विश्वनाथ के दर्शन किये. दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में भाग लिया जिसके अलौकिक स्वरों और दिव्य दृश्य ने पूरे वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया. जीवनदायिनी मां गंगा का आशीर्वाद सभी देशवासियों को मिलता रहे, यह मेरी मंगलकामना है.”


राष्ट्रपति के आगमन के मद्देनजर दशाश्वमेध घाट को सोमवार को दुल्हन की तरह सजाया गया था. घाट का नजारा देख ऐसा लग रहा था, मानो धरती पर देवता उतर आए हों. इस दौरान घाटों पर जगह-जगह दीप भी जलाए गये.
इससे पूर्व राष्ट्रपति ने काल भैरव मंदिर में पूजा अर्चना भी किया. मंदिर के पुजारी ने महामहिम को स्मृतिचिन्ह के रूप में बाबा कालभैरव की तस्वीर और प्रसाद दिया. उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे. दर्शन के बाद राष्ट्रपति और राज्यपाल ने मंदिर के दानपात्र में दान भी किया.


इन्हें मिली सिक्योरिटी की जिम्मेदारी
राष्ट्रपति दोपहर 3 बजे वायुसेना के विमान से बाबतपुर एयरपोर्ट पहुँचीं. इसके बाद वे वहां से सड़क मार्ग द्वारा कालभैरव मंदिर पहुँचीं. जहां उन्होंने विधि-विधान से पूजा अर्चना किया. राष्ट्रपति के साथ उनकी बेटी भी वाराणसी आई हैं. राष्ट्रपति के आगमन के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी रही. उनकी सिक्योरिटी में 450 कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल, 80 सब इंस्पेक्टर, 26 डिप्टी SP और 16 ASP को लगाया गया था. नौसेना के साथ ही जल पुलिस, PAC बाढ़ राहत दल और NDRF के जवानों ने दशाश्वमेध घाट पर सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली.. अग्निशमन, बम निरोधक दस्ते के साथ ही डॉग स्क्वायड को भी तैनात किया गया था.


जाम से घंटों जूझती रही पब्लिक
राष्ट्रपति का काफिला जिन मार्गों से होकर गुजरा, वहां कुछ समय के लिए ट्रैफिक को रोक दिया गया. जिससे पब्लिक को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा. लोग घंटों परेशानियों से जूझते रहे. राष्ट्रपति का काफिला जैसे ही विश्वनाथ मंदिर पहुंचा, गोदौलिया से घाट तक के रास्ते को पूरा खाली करा दिया गया. रास्तों पर पहले ही बैरीकेडिंग लगा दिए गये थे. लोग राष्ट्रपति की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे. लेकिन पुलिस ने किसी को भी बैरीकेडिंग पार करने नहीं दिया.