“कश्मीरी पंडितों की जल्द अपने घर हो सकती है वापसी” हिन्दुओं के कार्यक्रम में बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को उम्मीद जताई कि आतंकवाद की शुरुआत के बाद 1990 के दशक में अपने घरों से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडित जल्द ही कश्मीर घाटी में अपने घरों को वापस लौट आएंगे.
भागवत ने यहां नवरेह समारोह के आखिरी दिन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कश्मीरी हिंदू समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि वह दिन बहुत करीब है जब कश्मीरी पंडित अपने घरों में वापस आएंगे और मैं चाहता हूं कि वह दिन जल्द आए.” .
भागवत ने कहा कि विवेक अग्निहोत्री निर्देशित ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने कश्मीरी पंडितों की सच्ची तस्वीर और 1990 के दशक में कश्मीर घाटी से उनके पलायन का खुलासा किया है.
बता दें कि विवेक-अग्निहोत्री निर्देशित ‘द कश्मीर फाइल्स’, जो 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, इसमें अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार और अन्य शामिल हैं. फिल्म ने देश में राजनीतिक स्पेक्ट्रम का तेजी से ध्रुवीकरण किया है.

आरएसएस प्रमुख ने कहा, “आज, हर भारतीय कश्मीरी पंडितों के पलायन की सच्चाई के बारे में जानता है. यह समय है कि कश्मीरी पंडितों को अपने घरों में इस तरह वापस जाना है कि वे भविष्य में फिर कभी नहीं उखड़े.,
आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि कश्मीरी पंडितों को अपने वतन लौटने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि जल्द ही हालात बदल सकें.
उन्होंने कहा, “कुछ इस फिल्म के समर्थन में हैं, कुछ इसे आधा सच कह रहे हैं… लेकिन इस देश के आम लोगों की राय है कि इस कटु सत्य को दुनिया के सामने पेश कर इस फिल्म ने न केवल लोगों का दर्द पेश किया है.”
उन्होंने आगे कहा कि कोई भी कश्मीरी पंडितों को जाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है, और अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है, तो उसे परिणाम भुगतने होंगे.

संजीवनी शारदा केंद्र (SSK), जम्मू ने 1 अप्रैल से शुरू होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया और आज समापन होगा, ‘त्याग और शौर्य दिवस’ मनाने के लिए, ‘कश्मीरी समाज’ से अपने वतन लौटने का संकल्प लेने का आग्रह किया.
एसएसके कई वर्षों से समुदाय के सदस्यों और स्कूली बच्चों के साथ ‘नवरेह, त्याग और शौर्य दिवस’ मना रहा है, साथ ही कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए सेमिनार, निबंध लेखन और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन भी कर रहा है.
यह चैत्र (वसंत) नवरात्रों के पहले दिन के साथ मेल खाता है. कश्मीरी पंडित अपनी देवी शारिका को नवरेह त्योहार समर्पित करते हैं और त्योहार के दौरान उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं.