उत्तर भारत में शिव और पार्वती के महामिलन महाशिवरात्रि (Mahashivratri) की धूम है. यूपी कर सभी मंदिरों में जलाभिषेक के लिए भक्तों का भोर से ही तांता लगा हुआ है. काशी में बाबा काशी विश्वनाथ की मंगला आरती के बाद तड़के 3:30 बजे से ही दर्शन शुरु हो गये. सुबह 9 बजे तक 3 लाख भक्तों ने बाबा का दर्शन किया. मंदिर के चारों ओर बाहर 3-4 किमी लंबी लाइन लगी हुई है. शिवालयों के बाहर पाँव रखने तक की जगह नहीं है.


गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में भक्तों के सैलाब उमड़ पड़ा है. मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवाधिदेव महादेव का रुद्राभिषेक किया. शिवरात्रि पर भक्तों को शिवलिंग को छूने की इजाजत नहीं है. भक्त दूर से ही बाबा के दर्शन कर रहे हैं. गर्भगृह के चारों ओर केवल झांकी से दर्शन हो रहा है. वहीँ शिवरात्रि पर मंदिर में VIP दर्शन पर भी रोक लगाई गई है.


काशी विश्वनाथ मंदिर के के चारों गेट से भक्तों को एंट्री दी जा रही है. गंगा द्वार से लोगों को अंदर लाया जा रहा है. पिछले वर्ष 20% भक्तों को गंगा द्वार से दर्शन कराया गया था. इस वर्ष 50% भक्तों को गंगा द्वारा से दर्शन कराया जा रहा है. CRPF, जल पुलिस, NDRF, PAC व स्थानीय पुलिस सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही है.
Also Read:
एक या दो बार नहीं इस्लामी आक्रांताओं ने कई बार तोड़ा काशी विश्वनाथ मंदिर, जानिए इसका पूरा इतिहास
प्रयागराज के इस मंदिर में मनकामेश्वर व कामेश्वरी विराजते हैं एक साथ, भगवान श्री राम भी कर चुके हैं जलाभिषेक


काशी के श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, मृत्युंजय महादेव, गौरी केदारेश्वर मंदिर, तिलभांडेश्वर महादेव, सारंग नाथ महादेव, मार्कंडेय महादेव समेत सभी शिवालयों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है. भक्त बाब की एक झलक पाने को आतुर हैं. इसके लिए वे घंटों लाइन में लगने के लिए तैयार हैं. केवल काशी ही नहीं, बल्कि यूपी के कई जिलों से लोगों ने एक दिन पहले से ही बाबा के दर्शन के लिए काशी में डेरा जमाया है. इसके लिए प्रशासन के ओर से पहले ही तैयारी कर ली गई थी. प्रशासन ने भक्तों को कोई असुविधा न होने पाए, इसके लिए पूरी तैयारी की है. काशी में एक दिन पहले ही रूट डायवर्जन कर दिया गया था. जो कि शनिवार की मध्य रात्रि तक रहेगा.





