‘महाशिवरात्रि मनानी है, तो खालिस्तान जिंदाबाद कहना होगा’ ऑस्ट्रेलिया में हिन्दू मंदिरों को धमकी, लगातार हो रही हिंसा

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ऑस्ट्रेलिया के हिन्दू मंदिरों में हुई तोड़फोड़ के बाद अब वहां के खलिस्तानी हिन्दुओं को लगातार धमकी दे रहे हैं. ब्रिस्बेन में एक हिन्दू मंदिर को धमकी दी गई है. धमकी देने वाले ने खुद को पाकिस्तानी बताया है. दी गई धमकी में उसने कहा है कि यदि वह महाशिवरात्रि मनाना चाहते हैं, तो उन्हें खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करनी होगी.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार को ब्रिस्ब्रेन के प्रसिद्द गायत्री मंदिर के अध्यक्ष डॉ० जयराम और उपाध्यक्ष धर्मेश प्रसाद को एक धमकी भरा फ़ोन आया था. फोन करने वाले ने खुद को गुरु अवधेश सिंह बताते हुए कहा है कि वह पाकिस्तान के ननकाना साहिब से बोल रहा है.

मंदिर के अध्यक्ष जयराम को फोन कर धमकी देने वाले व्यक्ति ने कहा है, ““मैं पाकिस्तान के लाहौर में ननकाना साहिब से बोल रहा हूँ. मेरा नाम गुरु अवधेश सिंह है. मेरे. मेरे पास खालिस्तान के संबंध में एक संदेश है. यदि तुम 19 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाने की योजना बना रहे हो तो पुजारी से खालिस्तान का समर्थन करने के लिए कहो. तुमको अपने कार्यक्रम के दौरान पाँच बार ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाना है.” उसने यह भी कहा है, “19 मार्च को होने वाले खालिस्तान जनमत संग्रह होना है. तुम अपनी मंडली से कहो कि वो इसका समर्थन करें.”

बता दें कि इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में स्थित काली माता मंदिर की पुजारन को भी ऐसा ही धमकी भरा कॉल आया था. धमकी देने वाले व्यक्ति ने 4 मार्च को आयोजित होने वाले भजन कार्यक्रम को रद्द करने के लिए कहा था.

इस धमकी को लेकर मंदिर की पुजारन भावना का कहना है कि उनके फोन पर नो कॉलर आईडी से एक फोन आया था. फोन करने वाला व्यक्ति अमृतसर-जालंधर जैसे पंजाबी लहजे में बोल रहा था. उसने उन्हें कहा है कि मंदिर में 4 मार्च को आयोजित होने वाले भजन कार्यक्रम को रद्द कर दें. नहीं तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें.

हिंदुओं ने की कार्रवाई की माँग

ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले हिंदुओं ने वहाँ के मंदिरों में हो रही तोड़फोड़ की निंदा की है. साथ ही, अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग भी की. बता दें कि बीते कुछ दिनों में ऑस्ट्रेलिया के कई हिंदू मंदिरों में खालिस्तानी आतंकियों ने तोड़फोड़ कर खालिस्तान के समर्थन व भारत के विरोध में नारे लिखे हैं.

सिडनी में एक भारतीय ने एएनआई से बात करते हुए कहा है, “मुझे उम्मीद है कि सरकार इसके खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी. हम हिंदू हैं और हमारी संस्कृति में हिंदू धर्म का अर्थ जीवन का एक तरीका है और हम हर धर्म का सम्मान करते हैं.”

सिडनी में रहने वाले एक अन्य हिंदू ने कहा है, “हर बार जब हम ऐसा कुछ सुनते हैं, तो हम चिंतित हो जाते हैं. एक हिंदू या एक ईसाई या एक मुस्लिम के रूप में, हम सब एक हैं और हम एक दूसरे का समर्थन करते हैं. सरकार को इसका ध्यान रखना होगा और एक विशेष समुदाय के लिए समस्या पैदा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी.”

हिंदू मंदिरों पर हमले पर लगातार हमले

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में हिंदू लगातार खालिस्तानियों के निशाने पर रहा है. जनवरी में 20 दिनों के भीतर ही खालिस्तानियों ने 3 हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ करते हुए देश विरोधी और खलिस्तान के समर्थन में नारे लिख दिए थे.

खालिस्तानियों ने हिंदू मंदिर में पहला हमला 12 जनवरी को किया था. यह हमला मेलबर्न के BAPS स्वामीनारायण मंदिर में हुआ था. मंदिर में तोड़फोड़ करने के बाद खालिस्तानियों ने मंदिर की दीवार पर ‘हिंदुस्तान मुर्दाबाद’, ‘मोदी हिटलर है’ और ‘भिंडरावाले जिंदाबाद’ जैसे नारे लिखे थे.

इसके बाद खालिस्तानियों ने 16 जनवरी 2023 को मेलबर्न के ही कैरम डाउन्स में स्थित ऐतिहासिक श्री शिव विष्णु मंदिर (Shri Shiva Vishnu Temple) पर हमला किया था. तोड़फोड़ के बाद, मंदिर की दीवारों पर ‘टारगेट मोदी (मोदी को बनाओ निशाना)’, ‘मोदी हिटलर’ और ‘हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लिखे गए थे.

वहीं, तीसरा हमला मेलबर्न के ही अल्बर्ट पार्क इलाके में स्थित श्री राधा बल्लभ मंदिर में 22 जनवरी 2023 को हमला हुआ. इस मंदिर को इस्कॉन मंदिर भी कहा जाता है. हमले के बाद, मंदिर की दीवारों में ‘खालिस्तान जिंदाबाद’, ‘हिन्दुस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लिखे गए. इसके अलावा, खालिस्तानी आतंकी भिंडरवाले को शहीद बताते हुए भी नारा लिखा गया.

बता दें कि जरनैल सिंह भिंडरांवाले एक खूँखार खालिस्तानी आतंकी था. वह 20,000 से अधिक हिंदू और सिखों की हत्या के लिए जिम्मेदार था. हालाँकि, अलगाववादी खालिस्तानी भिंडरांवाले को संत बताकर उसका महिमामंडन करते रहते हैं.

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताते हुए भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने भी इन घटनाओं पर दुख जताया था. उन्होंने कहा था, “भारत की तरह ही ऑस्ट्रेलिया भी एक गौरवशाली और बहुसांस्कृतिक देश है. मेलबर्न में दो हिंदू मंदिरों में हुई तोड़फोड़ से हम स्तब्ध हैं. ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी जाँच कर रहे हैं. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए हमारा मजबूत समर्थन है. लेकिन, इसमें घृणित भाषा और हिंसा को जगह नहीं है.”

यही नहीं, ऑस्ट्रेलिया के सहायक विदेश मंत्री टिम वाट्स ने भी कहा था, “बीते कुछ हफ्तों में हमने पूजा स्थलों की जो तोड़-फोड़ देखी है, वह हमारे बहुसांस्कृतिक और बहु-विश्वास वाले देश में पूरी तरह से अस्वीकार्य है. हम इन घृणित कार्यों को लेकर विक्टोरियन पुलिस द्वारा की जा रही जाँच का पूरी तरह से समर्थन करते हैं.”

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