वाराणसी दौरे के तीसरे दिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी व पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन (Hillary Clinton) शनिवार को भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ पहुंचीं. यहां उन्होंने बौद्ध धर्म से संबंधित कई अवशेषों व सांस्कृतिक इमारतों को देखा.


क्लिंटन (Hillary Clinton) सारनाथ स्थित धमेख स्तूप, चौखंडी स्तूप व पुरातात्विक संग्रहालय देख अभिभूत हुईं. उन्होंने कहा कि वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों को देखकर काफी प्रभावित हुईं. साथ ही उन्होंने वाराणसी के प्रशासन का भी धन्यवाद अर्पण किया. उन्होंने पुरातात्विक धरोहरों को देखने के बाद उनका इतिहस जाना और उन्हें अपने विजिटर बुक में दर्ज किया. इसक बाद हिलेरी दोपहर में बाबतपुर एअरपोर्ट के लिए रवाना हो गई. यहां से वे दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगी.
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हिलेरी क्लिंटन (Hillary Clinton) ने कड़ी सुरक्षा के बीच होटल से हस्तशिल्प की दुकान पहुंची. वहां से उन्होंने हस्तनिर्मित लकड़ी का झुनझुना व गुड़िया खरीदी. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के तीन बच्चे हैं. जिनके लिए उन्होंने खिलौने खरीदे हैं. अमेरिका पहुंचते ही बच्चों को खिलौने देने हैं. मुझे लगता है कि इसे देखकर बच्चे खुश हो जाएंगे. कुछ देर बाद वे छावनी स्थित साड़ी की दुकान पर जा पहुंची. यहां उन्होंने परिजनों व दोस्तों के लिए हैंड मेडेड बनारसी दुपट्टे खरीदे. साथ ही हथकरघे पर रेशम की बुनाई देखी और फोटो भी खिंचाई. क्लिंटन ने कुछ देर तक वह बनारसी उत्पाद और उसके तैयार होने की बारीकियों को म्यूजियम के निदेशक जयशंकर मेहता से समझा और जाना.