- बुनियादी ढांचे के विकास में अग्रसर है बजट
- रोजगार सृजन के साथ आर्थिक वातावरण तैयार करने का व्यापक लक्ष्य
वाराणसी: सामान्यत बजट सरकार की आय व्यय का लेखा-जोखा होता है. यह पिछले वित्त वर्ष के वास्तविक आंकड़ों को और आगामी वित्त वर्ष के अनुमानित लेखा का विवरण प्रस्तुत करता है. इसके अलावा इस दस्तावेज में राज्यों और विधानमंडल वाले संघ राज्य क्षेत्रों को हस्तांतरित किए गए संसाधनों से संबंधित ब्यौरा भी शामिल होता है. बजट में विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लिए किए जा रहे आवंटनों का सारांश एवं अनुमानित मद भी प्रस्तुत किया जाता है. साथ ही वर्तमान वित्त वर्ष के लिए योजनागत वित्तीय विवरण भी अनुमानित किया जाता है.
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी आम बजट 2023 प्रस्तुत किया गया. वर्तमान आम बजट आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत पहली बजट है इस नाते यह आम बजट अत्यंत ही खास है. वित्त वर्ष 2023-24 में कुल व्यय अनुमानित 45,03,097 करोड़, जिसमें से कुल पूंजीव्यय 10,00,961 करोड़ है. बजट 2023-24 संघ की निरंतर मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है. सरकार निवेश से आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी.
बुनियादी ढांचे के विकास में वृद्धि के लिए अग्रणी पूंजीगत व्यय में संशोधित अनुमान से 37.4 प्रतिशत पिछले वित्तीय वर्ष से अधिक है. प्रभावी पूंजीगत व्यय बजट अनुमान 2023-24 में 13,70,949 करोड़ का है, जो संशोधित अनुमान 12022-23 से 30.1 प्रतिशत अधिक है.
अमृत काल के विजन के लिए सप्तर्षि प्राथमिकताएं
आजादी के अमृत वर्ष के लिए इस बजट के माध्यम से सरकार ने विभिन्न स्तर पर मुद्रा पूर्ति पर विशेष बल दिया है. मुद्रा पूर्ति से आय असमानता में कमी लाने का प्रयास किया गया है. अमृत काल के लिए विजन के रूप में युवा वर्ग पर विशेष ध्यान रखते हुए मानव पूंजी सृजन का व्यापक रूप इस बजट के माध्यम से दिया गया. जिससे रोजगार सृजन के साथ-साथ आर्थिक वातावरण तैयार करने का व्यापक लक्ष्य रखा गया है. अमृत काल के विजन के लिए सप्तर्षी प्राथमिकताएं हैं. जिसमें सरकार मुख्य रूप से 7 कार्यक्रमों को विस्तार देगी. जिससे समावेशी विकास, व्यापक स्तर पर सड़क निर्माण, वित्तीय क्षेत्र में आवंटन के साथ-साथ नवाचारी समाज के निर्माण के लिए यह बजट काफी सकारात्मक रहने वाला है.
इस बजट में डिजिटल विकास से लेकर कृषि एवं ग्रामीण विकास का समावेशन किया जाना वित्तीय समावेशन का लक्षण है जो समावेशी विकास के लिए सहयोगी होगा.
शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए बेहतर
शिक्षा एवं स्वास्थ्य किसी भी समाज के लिए आवश्यक तत्व माना जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार पिछले वित्तीय वर्ष के तुलना में वर्तमान बजट के कुल 2.1 प्रतिशत स्वास्थ क्षेत्र पर व्यय करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं शिक्षा के क्षेत्र में ज्यादा वृद्धि न करते हुए वित्तीय वर्ष 2023 के लिए कुल बजट 2.9% शिक्षा के क्षेत्र में व्यय किया जाएगा. युवा महिला वर्ग के लिए इस बजट में विशेष ध्यान दिया गया है 157 नर्सिंग कॉलेज देशभर में खोले जाएंगे जिससे शिक्षा एवं स्वास्थ्य दोनों ही क्षेत्रों में सकारात्मक सहयोग मिलेगा.
रोजगार सृजन के लिए अवसंरचना और निवेश पर विशेष बल बल दिया गया है. पूंजीगत निवेश में 33.4 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. साथ ही राज्यों को अवसंरचना के लिए 50 वर्ष तक बिना ब्याज का ऋण देने का प्रावधान किया गया है, जो भविष्य के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगा. नए उद्यमियों के लिए यह बजट काफी लाभकारी होगा. स्टार्टअप योजनाओं के तहत सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.
मध्यम वर्गीय परिवार के लिए यह बजट काफी सहायक सिद्ध होने वाला है नई व्यवस्था में आयकर छूट के लिए आय सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दिया गया है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए वरिष्ठ नागरिकों के जमा राशि को 15 लाख से बढकर 30 लाख दिया गया. इससे घरेलू बचत में वृद्धि होगी जो अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है. साथ ही पूर्ववर्ती चली आ रही सभी कल्याणकारी योजनाएं जो डायरेक्ट टु बेनिफिशियरी अकाउंट में आवंटित की जा रही, राशि पूर्वत चलती रहेंगी.
कम होंगे राजकोषीय घाटे
बजट प्रबंधन की दृष्टि से देखा जाए जो वर्ष 2025 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे रखने का लक्ष्य रखा गया है. राजकोषीय घाटा जो वित्त वर्ष 2021 में 9.2% थी जिसे वित्त वर्ष 2024 तक 5.9% तक रखने का लक्ष्य है अतः राजकोषीय प्रबंधन की दृष्टि से भी यह बजट राज्य की कल्याणकारी योजनाओं को ध्यान में रखते हुए साथ ही पिछले वर्ष के महामारी को दृष्टिगत रखते हुए काफी सकारात्मक सिद्ध होने वाला है.
आजादी के अमृत महोत्सव में यह बजट वास्तव में अमृत काल के विजन रखने में तथा सशक्त एवं मजबूत भारत का निर्माण करने में अद्वितीय भूमिका निर्वहन करने वाला है.


M.A , M.Phil
काशी हिंदू विश्वविद्यालय