वाराणसी के महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर संस्थान को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। यहां के डॉक्टर्स ने 55 वर्षीय एक मरीज के पेट से 30.5 किग्रा का ट्यूमर निकाला। इतना बड़ा ट्यूमर देखकर डॉक्टर्स भी हैरान रह गए। इस दौरान डॉक्टर्स की टीम को सर्जरी करने में कुल 6 घंटे का समय लगा। डॉक्टर्स ने सर्जरी कर मरीज को नया जीवन दिया है। बता दें कि भारत के किसी भी कैंसर संस्थान में ऐसा मामला पहले नहीं आया है। यह ऐसा पहला मामला है। बलिया निवासी 55 वर्षीय मरीज पेट के बढ़ते आकार और दर्द की शिकायत लेकर महामना कैंसर अस्पताल आया था।
जाँच के दौरान डॉक्टर्स ने पाया कि मरीज के पेट में ट्यूमर है। जिसे सर्जरी से ही ठीक किया जा सकता है। इसके बाद गुरुवार को कैंसर अस्पताल के सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ० मयंक त्रिपाठी और उनकी पुरी टीम ने मरीज का सर्जरी किया। सर्जरी करने वाले डॉ० मयंक ने बताया कि ट्यूमर का आकर इतना बड़ा था कि मरीज का चलना फिरना दुश्वार हो गया था। मरीज को रिट्रोपेरिटोनियल लाइपो सारकोमाथा, जो कि एक दुर्लभ कैंसर होता है।
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निदेशक ने दी बधाई
सर्जरी करने वाली टीम ने डॉ० मयंक त्रिपाठी के साथ डॉ० विदुर एवं डॉ० रविन्द्र वर्मा शामिल रहे। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर संस्थान व होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल के निदेशक डॉ० सत्यजीत प्रधान ने सर्जरी करने वाली टीम को बधाई दी। साथ ही भविष्य में भी इस लगन और प्रतिबद्धता से काम करने को प्रोत्साहित किया।


6 घंटे लगातार चली सर्जरी
डॉ० मयंक ने बताया कि मरीज का ट्यूमर पेट के अंदर मुख्य खून की नलियों के पास था। ट्यूमर का आकार काफी बड़ा था। साथ ही यह बेहद संवेदनशील स्थान पर था, इसलिए इसे निकालने में 6 घंटे तक लगातार सर्जरी चलती रही।
12 नवजात शिशुओं के बराबर वजन
55 वर्षीय मरीज के पेट से निकाले गए ट्यूमर का आकार 64 सेमी लंबा, जबकि 46 सेमी चौड़ा है। ट्यूमर का वजन 12 नवजात शिशुओं के वजन के बराबर है। यह अब तक देश का रिट्रोपेरिटोनियल लाइपो सारकोमा का सबसे बड़ा कैंसर युक्त ट्यूमर है।


ट्यूमर के साथ किडनी का कैंसर
डॉ.मयंक के अनुसार मरीज को रिट्रोपेरिटोनियल लाइपो सारकोमा के साथ ही किडनी का भी कैंसर था। सर्जरी के दौरान दोनों ट्यूमर को एक साथ निकाला गया। अस्पताल में 10-12 किलोग्राम के ट्यूमर अक्सर सर्जरी कर निकाला जाता है, लेकिन अब तक इतना बड़ा ट्यूमर पहली बार सफलतापूर्वक निकाला गया है।