आसमान में एक बड़ी घटना होने वाली है. आसमान की घटनाओं (Astrology) में इंटरेस्ट रखने वालों के लिए यह सप्ताह बहुत ही रोमांचक होने वाला है. सौरमंडल के सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति और सबसे ज्यादा चमकने वाला ग्रह शुक्र नजदीक आने वाले हैं. दोनों गृह एक दुसरे से मिलने को बड़े आतुर हैं. इस बड़ी खगोलीय घटना का गवाह चन्द्रमा बनेगा.
खगोल विज्ञान के अनुसार, पृथ्वी का पड़ोसी ग्रह शुक्र पृथ्वी से लगभग 21 करोड़ किलोमीटर दूर रहते हुये माईनस 3.9 मैग्नीट्यूड से चमकेगा. इसके ऊपर बृहस्पति ग्रह स्थित होगा, जो कि लगभग 85 करोड़ किलोमीटर दूर रहते हुये माईनस 2.1 मैग्नीट्यूड से चमकता दिखेगा. इन दोनों चमचमाते ग्रहों के बीच बुधवार शाम को पश्चिमी आसमान में हंसियाकार चंद्रमा दिखेगा, जो कि पृथ्वी से लगभग 3 लाख 66 हजार किलोमीटर दूर रहते हुए इन दोनों ग्रहों के होने जा रहे मिलन की सूचना देगा.


आसमान में यह नजारा आने वाले 7 दिनों तक दिखेगा. 6 दिनों तक जहां ये दोनों ग्रह आसमान में एक दूसरे के नजदीक आएंगे. वहीँ, अंतिम 7वें दिन एक दूसरे से दूर जाते हुए दिखाई देंगे. जिसे खगोल विज्ञान में कंजक्शन कहा जाता है. आसमान में होने वाली ये घटनाएं रात में 8 बजे के बाद से दिखना शुरू हो जाएंगी.
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होंगे बड़े बदलाव
ज्योतिषविद् पं० विमल जैन के अनुसार, बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं. जबकि शुक्र को दैत्यों का गुरु कहा गया है. गुरु व शुक्र का मिलन शुभ नहीं माना जाता है. इससे दैनिक जीवन में विषमता आती है. इस दौरान जिनका जन्म कुंडली में हो, उन्हें विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है. इन दो ग्रहों के मिलन से विश्व पटल पर भी अप्रत्याशित घटनाओं का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा.


पं० विमल जैन बताते हैं कि शुक्र और बृहस्पति के नजदीक आने से लोगों के दैनिक जीवन में भी काफी बदलाव आएंगे. जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति कमजोर है, उन्हें इसका विशेष ध्यान रखना होगा. उन्हें भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. साथ ही कुछ विशेष उपायों को करने से उनपर आने वाली मुसीबतें टल सकती हैं.
- बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु की विधिविधान से पूजा करें.
- पीले वस्त्र पहनें व पीली वस्तुओं का दान करें.
- भगवान विष्णु को पीले मिष्ठान अथवा दाल का भोग लगाएं.