स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya) के बाद अब भीम आर्मी के मुखिया चन्द्रशेखर रावण ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर सवाल उठाया है. चन्द्रशेखर ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि मुझे इस बात की पीड़ा है कि ग्रंथ में लेखक ने चौपाई में जाति और महिलाओं के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है.
भारतीय संविधान सबको बराबरी का अधिकार देता है. यहाँ मुख्यमंत्री भी आए थे. उनलोगों को और अच्छी पहल करनी चाहिए. हिंदू ग्रंथों में जो गलतियाँ हैं, उनको स्वीकार कर समानता की बात करनी चाहिए.
उपरोक्त बातें चन्द्रशेखर रावण ने रविदास जयंती पर वाराणसी आगमन के दौरान सिरगोवर्धनपुर में कही.
अब च्रंदशेखर रावण का रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान, कहा- लेखक ने चौपाई में जाति और महिलाओं को अपमानित किया है
— Swaraj Hind News🇮🇳 (@SwarajHind5) February 5, 2023
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उत्तर प्रदेश में ख़राब कानून व्यवस्था
भीम आर्मी के मुखिया ने आगे कहा कि यदि आप किसी जाति, धर्म के आधार पर इतने बड़े अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करेंगे और आज हम उसे हटाने की मांग कर रहे हैं, तो गलत नहीं है. हमारे मुख्यमंत्री कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बहुत अच्छी है. लेकिन यहाँ आने पर मुझे एक महिला मिली, जिन्होंने बताया कि उनके साथ दुष्कर्म हुआ है. उन्होंने मुझसे न्याय की गुहार लगाई है. उनकी एफआईआर मैंने देखी है. जिसमें दुष्कर्म के जगह छेड़खानी का मामला दर्ज है. यही कानून व्यवस्था उत्तर प्रदेश में चल रही है.
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स्वामी प्रसाद पर गहराता विवाद
बता दें कि रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर विवाद गहराता जा रहा है. चन्द्रशेखर रावण से पहले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताया था. जिस लेकर काफी विवाद हुआ था. वाराणसी समेत यूपी के कई जिलों में लोगों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के पुतले जलाए थे. कई जगहों पर लोगों ने थाने में तहरीर देकर मौर्य पर एफआईआर कराते हुए गिरफ्तारी की मांग भी की है.
जाति के वजह से राष्ट्रपति को भी नहीं जा पाते मंदिर
इस मुद्दे पर सपा ने पहले पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि ये स्वामी प्रसाद मौर्य की व्यक्तिगत राय है. हालांकि बाद में अप्रत्यक्ष तौर पर अखिलेश यादव ने मौर्य के बयान का समर्थन करते हुए कहा था कि सरकार हमें शूद्र मानती है और हमें मंदिर जाने से रोकती है. अखिलेश के इस बयान पर चंद्रशेखर ने कहा कि हमारे देश में जाति के वजह से राष्ट्रपति को भी मंदिर जाने से रोक दिया जाता है.